भस्त्रिका प्राणायाम योग करने के फ़ायदे

जीवन मे स्वस्थ रहने के लिए प्राणायाम करना बेहद आवश्यक होता है इससे न सिर्फ हमारा शरीर स्वस्थ रहता बल्कि कई रोगों से लड़ने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है बहुत से ऐसे योगासन हैं। जिन्हें करके आप अपने आप को स्वस्थ और मजबूत बना सकते है। लेकिन आज हम जिस प्राणायाम के बारे में बताने जा रहे है उसका नाम है। भस्त्रिका प्राणायाम

इस प्राणायाम में तेजी से श्वास को अंदर की ओर धीरे – धीरे खींचा जाता है तथा गर्जना के साथ वलपूर्वक छोड़ा जाता है। जिससे शरीर में ताप उत्पन्न होता है। क्या आप भी Bhastrika Pranayama करना सीखना चाहते है तो आपको कही जाने की आवश्यकता नही है। हम आपको अपने इस ब्लॉग के माध्यम से भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि, लाभ और सावधानियों के बारे में बताने वाले है। तो चलिए जानते है-

Contents

भस्त्रिका प्राणायाम करने के लाभ | Benefits of Bhastrika Pranayama

पहले हम जान लेते हैं कि इस आसन को करने से क्या लाभ होते हैं और यह हमारे लिए कितना लाभकारी है। भस्त्रिका प्राणायाम योग करने के क्या – क्या फायदे है उनके बारे में आप नींचे जान सकते हैं-

पेट की चर्बी घटाने के लिए

अगर आप मोटापा जैसे पेट की चर्बी से परेशान हैं तो आपको भस्त्रिका प्राणायाम करना शुरू करना चाहिए। क्योंकि यह पेट की चर्बी को कम करने के लिए बहुत ही प्रभावशाली है। आप इसे अपनी दैनिकचर्या में जरूर शामिल करें।

वजन कम करने के लिए

यह न सिर्फ पेट की चर्बी को कम करने में सहायक है अपितु इस प्राणायाम को करने से आप अपना वजन भी कम कर सकते है। वजन कम करने के लिए आपको रोजना भस्त्रिका प्राणायाम को 10-15 मिनट करने की आवश्यकता है। भस्त्रिका प्राणायाम योग वजन करने के लिए बेहद लाभदायक होता हैं। इसे करके आप कुछ ही दिनों में अपने वजन को कम कर सकते हैं।

अस्थमा रोग को दूर करने के लिए

Bhastrika Pranayama अस्थमा के इलाज के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। अगर अस्थमा रोगी रोजना इस व्यायाम का अभ्यास करता है तो उसकी अस्थमा की समस्या सदा के लिए खत्म हो सकती है।

श्वास संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए

यह एक ऐसा प्राणायाम है। जिसे रोजाना 10 से 15 मिनट करने से श्वास संबंधित समस्त समस्याओं को दूर किया जा सकता है। योग गुरु के द्वारा भी सांस से संबंधित बीमारी ले इलाज़ के लिए भस्त्रिका प्राणायाम योग करने की सलाह दी जाती हैं।

भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि

ऊपर आपने इस प्राणायाम को करने के लाभ के बारे में जाना चाहिए आप जानते हैं कि इस प्राणायाम को कैसे किया जाता है प्राणायाम करने के लिए आप नीचे दिए गए चरणों का पालन करें

  • भस्त्रिका प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले आप ऐसी अवस्था में बैठ जाएं जिस अवस्था में आपका शरीर गर्दन एकदम सीधे हो। आप चाहे तो पद्मासन में बैठ सकते हैं।
  • अब आपको धीरे धीरे श्वास लेना शुरू करना है और फिर बलपूर्वक श्वास को छोड़ना है।
  • इसके बाद आप को बलपूर्वक श्वास को लेना है और फिर बलपूर्वक ही श्वास को छोड़ना है।
  • ऐसा करते समय सांप के पुकारने जैसी ध्वनि उत्पन्न होनी चाहिए। आपको यह प्रक्रिया 10 बार करनी है।
  • अंत में आपको एक गहरी सांस लेकर कुछ देर सांस को रोकना है और फिर बड़े ही आराम से धीरे-धीरे सांस को बाहर निकालना है।
  • इस तरह से आपका भस्त्रिका प्राणायाम का एक पूरा चक्कर हो चुका है ऐसे ही आपको 10 बार करना है।

भस्त्रिका प्राणायाम करते समय क्या सावधानियां बरतनी है? 

भस्त्रिका प्राणायाम योग करना बैसे तो काफी लाभदायक है, लेकिन कुछ जगह ये हानिकारक भी हो सकता है। इसलिए इस योग को करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। जिनके बारे में आप नींचे जान सकते हैं।

  • इस प्राणायाम को उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति को कभी नहीं करना चाहिए।
  • यदि आपको ह्रदय रोग मोतियाबिंद सिर चकराना आप या पेट में अल्सर या फिर मस्तक में ट्यूमर है तो आपको यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
  • इस प्राणायाम को सदैव ऐसे समय हमें करना चाहिए जिस समय अधिक गर्मी ना होता कि शरीर का तापमान अधिक ना बड़े।

FAQ

भस्त्रिका प्राणायाम योग से जुड़े कुछ प्रश्न जो लोगो के द्वारा पूछे जाते हैं। जिनके सवालों के जवाब आप नीचे जान सकते हैं –

भस्त्रिका प्राणायाम क्या है? 

यह एक तरह का प्राणायाम है जिसे करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बहुत अधिक बढ़ाया जा सकता है और शरीर में होने वाले कई तरह के रोगों को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है।

भस्त्रिका प्राणायाम से कौन – कौन से रोगों को जड़ से खत्म किया जा सकता है?

इस प्राणायाम को करने से शरीर में अस्थमा मोटापा जैसी कई खतरनाक बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सकता है बस इसके लिए निरंतर भस्त्रिका प्राणायाम को करना होगा। 

भस्त्रिका प्राणायाम किसे नही करना चाहिए? 

जो लोग हृदय रोग मस्तिक रोग मोतियाबिंद तथा अन्य किसी भी तरह की गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं उन्हें भस्त्रिका प्राणायाम नही करना चाहिए ऐसा करने से व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।

भस्त्रिका प्राणायाम करने का सही समय क्या है? 

भस्त्रिका प्राणायाम को सदैव ऐसे समय में करना चाहिए जिस समय अधिक गर्म मौसम ना हो आप इसे संध्याकाल या प्रातः काल में कर सकते हैं।

निष्कर्ष

भस्त्रिका प्राणायाम को करने के कई लाभ और हानियां भी है. लेकिन अगर इसे सही तरीके से किया जाए तो यह शरीर के कई भयंकर रोगों से लड़ने में मददगार होता है। अगर आप अस्थमा या अन्य स्वास सम्बंधित समस्याओं से जूझ रहे है तो आपको भस्त्रिका प्राणायाम शुरू कर देना चाहिए।

जिसके बारे में आज हमने आपको पूरी जानकारी प्रदान की है। आपको भस्त्रिका प्राणायाम की विधि के बारे में जानकर कैसा लगा हमे जरूर बताएं।

नमस्कार दोस्तों, मैं Sandeep Singh, Technical Sandy(टेक्निकल सैंडी) का Technical Author & Founder हूँ। Education की बात करूँ तो मैं एक बी.कॉम Graduate हूँ। मुझे नयी नयी Technology से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है। मेरी आपसे विनती है की आप लोग इसी तरह हमारा सहयोग देते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। :) #We Technical Sandy Team Support DIGITAL INDIA

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